Why the font is so small?
Neeraj ji You are right..I shall try to enlarge the font size...Thanks for your feedback.
आदरणीय दीपा जी -- अत्यंत मर्मस्पर्शी उद्बोधन निष्ठुर प्रिय के नाम | शब्द शब्द अनुराग से सराबोर है |अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही लाजवाब हैं | -- श्वास - निश्वास की ले अक्षय डोर लघु प्राणों सेलेती तुमको जोड़ जो तुम आ जाते !!हार्दिक शुभकामनाएं !!
सस्नेह धन्यवाद।
वाह! बहुत सुंदर!!!
Thanks sir.
सादर धन्यवाद।
वाह, वाह कितनी सुन्दर पंक्तियाँ हैं I
Thanks neeraj..
कोमल भावनाओं से ओतप्रोत अद्भुत कविता है यह । पढ़कर अभिभूत हूँ ।
साभार धन्यवाद सर।
सुंदर भावों से सजी बेहतरीन रचना
साभार धन्यवाद अनुराधा जी।
बेहद उम्दा
प्रख्यात लेखिका - महादेवी वर्मा जी की यह एक कृति थी। "जो तुम आ जाते एकबार" - आज आपके लेख को पढ़कर महादेवी जी का भी ध्यान आ गया। बेहद सुन्दर लिखा है आपने।
साभार धन्यवाद आदरणीय रवि जी।
सादर आभार सर
Why the font is so small?
ReplyDeleteNeeraj ji You are right..I shall try to enlarge the font size...Thanks for your feedback.
Deleteआदरणीय दीपा जी -- अत्यंत मर्मस्पर्शी उद्बोधन निष्ठुर प्रिय के नाम | शब्द शब्द अनुराग से सराबोर है |अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही लाजवाब हैं | --
ReplyDeleteश्वास - निश्वास की
ले अक्षय डोर
लघु प्राणों से
लेती तुमको जोड़
जो तुम आ जाते !!
हार्दिक शुभकामनाएं !!
सस्नेह धन्यवाद।
Deleteवाह! बहुत सुंदर!!!
ReplyDeleteThanks sir.
Deleteसादर धन्यवाद।
ReplyDeleteवाह, वाह कितनी सुन्दर पंक्तियाँ हैं I
ReplyDeleteThanks neeraj..
Deleteकोमल भावनाओं से ओतप्रोत अद्भुत कविता है यह । पढ़कर अभिभूत हूँ ।
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद सर।
Deleteसुंदर भावों से सजी बेहतरीन रचना
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद अनुराधा जी।
Deleteबेहद उम्दा
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद सर।
Deleteप्रख्यात लेखिका - महादेवी वर्मा जी की यह एक कृति थी।
ReplyDelete"जो तुम आ जाते एकबार"
- आज आपके लेख को पढ़कर महादेवी जी का भी ध्यान आ गया।
बेहद सुन्दर लिखा है आपने।
साभार धन्यवाद आदरणीय रवि जी।
Deleteसादर आभार सर
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