अल्प विराम
Wednesday, May 16, 2018
सूना जीवन
3 comments:
pushpendra dwivedi
4:56 AM
waah bahut khoob beautiful lines
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Jyoti Dehliwal
9:07 PM
बहुत सुंदर।
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संजय भास्कर
1:31 AM
वाह ..बेजोड़ भावाभिव्यक्ति...बधाई स्वीकारें
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ओ पाहुन.....
ओ पाहुन.....
बेपीर
प्रिय तुम तक कैसे मैं आती.....
प्रिय! तुम तक कैसे मैं आती ..... प्रिय! तुम तक कैसे मैं आत...
waah bahut khoob beautiful lines
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteवाह ..बेजोड़ भावाभिव्यक्ति...बधाई स्वीकारें
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