आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (30-10-2018) को "दिन का आगाज़" (चर्चा अंक-3140) पर भी होगी। -- चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है। जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 28/10/2018 की बुलेटिन, " रुके रुके से कदम ... रुक के बार बार चले “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद शिवमं जी।
Deleteमहादेवी वर्मा की याद ताजा कर दी आपकी रचना ने। आभार!!!
ReplyDeleteसर आपके सरहनीय शब्द मेरे लिए अमूल्य निधि है।
Deleteबहुत ही सुन्दर रचना दीपा
ReplyDeleteसादर धन्यवाद अभिलाषा जी।
Deleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteआभार सखी।
Deleteबेहतरीन लेखन का नमूमा। सुन्दर रचना।
ReplyDeleteसराहना के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद सर।
Deleteसुख को इतना मान देना कहाँ आसान होता है ...
ReplyDeleteसभी छन्द गहरी बात लिए
सराहना के लिए सादर आभार दिगम्बर जी।
Deleteइतने कम शब्दों में इतनी गहराई की बातें ! मेरे अंतस को झकझोर दिया है इन छंदों ने । निःशब्द हो गया हूँ मैं ।
ReplyDeleteजितेंद्र जी सृजनात्मक लेखन के पथ में आप जैसे अभिप्रेरक का साथ निसन्देह मेरे लिए एक बहुत बड़ी उप्लब्धि है।
Deleteसादर आभार सर।
ReplyDeleteबेहतरीन रचना सखी
ReplyDeleteसस्नेह धन्यवाद सखी।
Deleteहृदयस्पर्शी रचना !
ReplyDeleteThanks neeraj ji.
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (30-10-2018) को "दिन का आगाज़" (चर्चा अंक-3140) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
साभार धन्यवाद आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'जी।
Deleteबहुत सुंदर रचना, दीपा दी।
ReplyDeleteसस्नेह धन्यवाद ज्योति जी।
Deleteबहुत शानदार
ReplyDeleteसादर आभार लोकेश जी।
Deleteबेहद.हृदयस्पर्शी रचना मन छू गयी आपकी लेखनी दीपा जी..।
ReplyDeleteसस्नेह धन्यवाद आदरणीया श्वेता जी।
DeleteBeautifully penned.
ReplyDeleteThanks jyotirmoy ji.
Deleteमन छू गयी .... दीपा जी..।
ReplyDeleteThanks Sanjay ji for your kind words.
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