प्रिय सखी दीपशिखा जी बहुत सुन्दर रचना 👌 वैसे तो आप की हर रचना बहुत ही शानदार होती है हर शब्द सार्थक और अपने पूर्ण अस्तित्व के होता है, आप का लिखने का अंदाज बहुत सुन्दर है सादर आभार
आपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद" ( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में गुरुवार 10 जनवरी 2019 को प्रकाशनार्थ 1273 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा। चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर। सधन्यवाद।
प्रिय दीपा जी -- प्रिय को सब मन की बातें बड़ी सरलता से और सहजता से बड़ी सादगी से कहती ये रचना आपके सुंदर काव्य कौशल का उत्तम नमूना है | छायावादी कवियों की याद दिलाती शैली बहुत ही बढिया और मनमोहक है |मेरी ढेरों शुभकामनाएं|
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (11-01-2019) को "विश्व हिन्दी दिवस" (चर्चा अंक-3213) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है। जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बेहतरीन लेखन...बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteआदरणीया गीता जी, प्रस्तुति की इस विविधता की जानकारी हमें भी दे । कैसे करती है ऐसा सुंदर प्रस्तुति आप?
सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार पुरषोत्तम जी।
Deleteबहुत सुन्दर!!!
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद आदरणीय।
Deleteप्रिय सखी दीपशिखा जी बहुत सुन्दर रचना 👌
ReplyDeleteवैसे तो आप की हर रचना बहुत ही शानदार होती है हर शब्द सार्थक और अपने पूर्ण अस्तित्व के होता है, आप का लिखने का अंदाज बहुत सुन्दर है
सादर आभार
सस्नेह धन्यवाद सखी ।
Deleteसुंदर रचना !
ReplyDeleteसस्नेह धन्यवाद नीरज।
Deleteबहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteहर छंद सार्थक अंदेश लिए ... सादगी से कहता हुआ ...
सादर आभार दिगम्बर जी।
DeleteBeautifully penned.
ReplyDeleteThanks jyotirmoy ji
Deleteबेहतरीन रचना
ReplyDeleteसादर आभार सखी ।
Deleteनमस्ते,
ReplyDeleteआपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरुवार 10 जनवरी 2019 को प्रकाशनार्थ 1273 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।
साभार धन्यवाद रविन्द्र जी।
Deleteब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 09/01/2019 की बुलेटिन, " अख़बार की विशेषता - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद शिवम जी।
Deleteप्रिय दीपा जी -- प्रिय को सब मन की बातें बड़ी सरलता से और सहजता से बड़ी सादगी से कहती ये रचना आपके सुंदर काव्य कौशल का उत्तम नमूना है | छायावादी कवियों की याद दिलाती शैली बहुत ही बढिया और मनमोहक है |मेरी ढेरों शुभकामनाएं|
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीया रेनू जी।
Deleteबहुत खूब.......
ReplyDeleteबेहतरीन रचना आदरणीया
साभार धन्यवाद रविन्द्र जी।
Deleteवाह्ह्ह.. लाज़वाब भावपूर्ण सुंदर सृजन👌
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीया श्वेता जी।
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद ।
DeleteFirst I read it silently and then the poem made me read it aloud once again. Fir bhi laga...ki dil abhi bhara nahi!
ReplyDeleteLovely creation.
Thanks dear Anagha.
Deleteबहुत सुंदर रचना..........,नारी की बस यही तो कामना होती है, सादर स्नेह...
ReplyDeleteसस्नेह धन्यवाद सखी।
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (11-01-2019) को "विश्व हिन्दी दिवस" (चर्चा अंक-3213) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
साभार धन्यवाद आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री जी।
Deleteबहुत ही लाजवाब....
ReplyDeleteवाह!!!
सादर आभार ।
DeleteYour poems are so beautiful always touches my heart.
ReplyDeleteThanks sir....feeling great.
Deleteउत्तम !
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद।
Deleteसुन्दर भावों के साथ लाजवाब रचना।
ReplyDeleteमोहब्बत का खूबसूरत एहसास।
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
http://iwillrocknow.blogspot.com/
साभार धन्यवाद ।
ReplyDeleteवाहः बहुत उम्दा
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय ।
Deleteदीपशिखा दी,नारी मन की कामना को बहुत ही खूबसूरती से व्यक्त किया हैं आपने।
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