वाह !!बहुत ख़ूब सखी👌
सस्नेह धन्यवाद सखी।
विरह निशि के बाद, मधुर मिलन अब पास है....आपकी लिखी पंक्तियाँ और मनोहारी प्रस्तुति की जितनी भी तारीफ़ करूँ कम होगी। आप अत्यंत ही सफल लेखिका के रूप में उभरें यही कामना है। बहुत-बहुत बधाई ।
शुभकामनाओं के लिए स्स्नेह धन्यवाद पुरषोत्तम जी।
सुन्दर
साभार धन्यवाद आदरणीय जोशी जी।
बहुत ही बेहतरीन रचना दीपशिखा जी
साभार धन्यवाद अनुराधा जी
बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना
सभार धन्यवाद अभिलाषा जी।
बेहद खूबसूरत
साभार धन्यवाद आदरणीया मीना जी।
बहुत सुंदर दीपशिखा जी !
स्स्नेह धन्यवाद नीरज।
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री जी लिकं की चर्चा के 3171 अंक में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार।
श्वेता जी मेरी रचना को अपने ब्लॉग "पांच लिंकों का आनंद" में स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार।
बहुत सुंदर रचना, दीपशिखा दी।
Thanks dear.
वाह!!बहुत सुंदर !!
साभार धन्यवाद
अलग अंदाज की अदायगी सुंदर शब्द संयोजन अप्रतिम अवगूंठन। बहुत प्यारी रचना।
साभार धन्यवाद कुसुम जी |
बहुत खूबसूरत रचना
साभार धन्यवाद लोकेश जी
मिलन की आकांक्षा को संजोये प्रतीक्षित मन की व्याकुलता को सजीवता से दर्शाती मार्मिक रचना प्रिय दीपा जी | सस्नेह बधाई और शुभकामनायें |
साभार धन्यवाद आदरणीया रेनू जी।
वाह !!बहुत ख़ूब सखी👌
ReplyDeleteसस्नेह धन्यवाद सखी।
Deleteविरह निशि के बाद, मधुर मिलन अब पास है....
ReplyDeleteआपकी लिखी पंक्तियाँ और मनोहारी प्रस्तुति की जितनी भी तारीफ़ करूँ कम होगी। आप अत्यंत ही सफल लेखिका के रूप में उभरें यही कामना है। बहुत-बहुत बधाई ।
शुभकामनाओं के लिए स्स्नेह धन्यवाद पुरषोत्तम जी।
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद आदरणीय जोशी जी।
Deleteबहुत ही बेहतरीन रचना दीपशिखा जी
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद अनुराधा जी
Deleteबहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteसभार धन्यवाद अभिलाषा जी।
Deleteबेहद खूबसूरत
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद आदरणीया मीना जी।
Deleteबहुत सुंदर दीपशिखा जी !
ReplyDeleteस्स्नेह धन्यवाद नीरज।
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ReplyDeleteडॉ.रूपचन्द्र शास्त्री जी लिकं की चर्चा के 3171 अंक में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार।
श्वेता जी मेरी रचना को अपने ब्लॉग "पांच लिंकों का आनंद" में स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना, दीपशिखा दी।
ReplyDeleteThanks dear.
Deleteवाह!!बहुत सुंदर !!
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद
Deleteअलग अंदाज की अदायगी सुंदर शब्द संयोजन अप्रतिम अवगूंठन।
ReplyDeleteबहुत प्यारी रचना।
साभार धन्यवाद कुसुम जी |
Deleteबहुत खूबसूरत रचना
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद लोकेश जी
Deleteमिलन की आकांक्षा को संजोये प्रतीक्षित मन की व्याकुलता को सजीवता से दर्शाती मार्मिक रचना प्रिय दीपा जी | सस्नेह बधाई और शुभकामनायें |
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद आदरणीया रेनू जी।
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