Wednesday, November 14, 2018

प्रिय तुम तक कैसे मैं आती.....




                    प्रिय! तुम तक कैसे मैं आती .....
                 

                     प्रिय! तुम तक कैसे मैं आती .....


                     प्रिय! तुम तक कैसे मैं आती .....


40 comments:

  1. बहुत खूब दीपाजी! भावनाओं का अक्षय अविरल प्रवाह! बधाई और आभार इतनी सुंदर रचना का।

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    1. साभार धन्यवाद सर।

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  2. उम्दा वेखन, सुंदर भाव, बेहतरीन प्रस्तुति ।।। हार्दिक बधाई आदरणीय दीपा जी।

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    1. साभार धन्यवाद

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  3. बहुत सुंदर!

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  4. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (16-11-2018) को "भारत विभाजन का उद्देश्य क्या था" (चर्चा अंक-3157) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. साभार धन्यवाद आदरणीय ।

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  6. वाह बेहतरीन रचना

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    1. साभार धन्यवाद अनुराधा जी |

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  7. वाह !!बहुत खूब सखी 👌

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    1. सस्नेह धन्यवाद सखी|

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    1. साभार धन्यवाद आदरणीय जोशी जी।

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  9. साभार धन्यवाद।

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  10. awesome Shikha, lovely poems. keep writing.

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  11. बेहद उम्दा भावप्रवण रचना..वाह्ह्ह.. शानदार लेखन बधाई आपको और बहुत सारी शुभकामनाएँ भी।

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    1. साभार धन्यवाद आदरणीया श्वेता जी।

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  12. आदरणीय दीपा जी -- करुणा और प्रेम में भीगी अनुपम पाती प्रिय के नाम !!!!! इस उम्दा लेखन के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनायें |आपकी रचनाएँ महादेवी वर्मा जी की याद दिलाती हैं | आज फुर्सत में आपके ब्लॉग का भ्रमण किया और आपकी कई रचनाएँ पढ़ी - सभी एक से बढ़कर एक थी | सचमुच बहुत अच्छा लिख रही हैं आप | सस्नेह --

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    1. साभार धन्यवाद आदरणीया।

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  13. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 15/11/2018 की बुलेटिन, " इंक्रेडिबल इंडिया के इंक्रेडिबल इंडियंस - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    1. मेरी रचना को ब्लॉग बुलेटिन में स्थान देने के लिए साभार धन्यवाद आदरणीय शिवम जी।

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  14. भावपूर्ण एवं मन और संवेदनाओं को छूती सुंदर रचना.

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    1. साभार धन्यवाद आदरणीय राकेश जी।

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  15. बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति शिखा दी।

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  16. सस्नेह धन्यवाद प्रिय ज्योति।

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  17. Beautiful! Touched something inside.

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  18. बहुत खूब
    बेहतरीन प्रस्तुति

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    1. साभार धन्यवाद आदरणीय लोकेश जी।

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  19. बहुत खूब जाने क्या क्या कह डाला इन चंद पंक्तियों में.... बेहतरीन प्रस्तुति !

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    1. साभार धन्यवाद संजय जी।

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  20. कोमल भावनाओं से सजी बेहतरीन रचना ।

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  21. साभार धन्यवाद मीना जी

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  22. बहुत खूब लिखा है।

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ओ पाहुन.....