आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (16-11-2018) को "भारत विभाजन का उद्देश्य क्या था" (चर्चा अंक-3157) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है। जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय दीपा जी -- करुणा और प्रेम में भीगी अनुपम पाती प्रिय के नाम !!!!! इस उम्दा लेखन के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनायें |आपकी रचनाएँ महादेवी वर्मा जी की याद दिलाती हैं | आज फुर्सत में आपके ब्लॉग का भ्रमण किया और आपकी कई रचनाएँ पढ़ी - सभी एक से बढ़कर एक थी | सचमुच बहुत अच्छा लिख रही हैं आप | सस्नेह --
बहुत खूब दीपाजी! भावनाओं का अक्षय अविरल प्रवाह! बधाई और आभार इतनी सुंदर रचना का।
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद सर।
Deleteउम्दा वेखन, सुंदर भाव, बेहतरीन प्रस्तुति ।।। हार्दिक बधाई आदरणीय दीपा जी।
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद
Deleteबहुत सुंदर!
ReplyDeleteThanks neeraj ji
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (16-11-2018) को "भारत विभाजन का उद्देश्य क्या था" (चर्चा अंक-3157) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
साभार धन्यवाद आदरणीय ।
ReplyDeleteवाह बेहतरीन रचना
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद अनुराधा जी |
Deleteवाह !!बहुत खूब सखी 👌
ReplyDeleteसस्नेह धन्यवाद सखी|
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद आदरणीय जोशी जी।
Deleteसाभार धन्यवाद।
ReplyDeleteawesome Shikha, lovely poems. keep writing.
ReplyDeleteबेहद उम्दा भावप्रवण रचना..वाह्ह्ह.. शानदार लेखन बधाई आपको और बहुत सारी शुभकामनाएँ भी।
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद आदरणीया श्वेता जी।
Deleteआदरणीय दीपा जी -- करुणा और प्रेम में भीगी अनुपम पाती प्रिय के नाम !!!!! इस उम्दा लेखन के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनायें |आपकी रचनाएँ महादेवी वर्मा जी की याद दिलाती हैं | आज फुर्सत में आपके ब्लॉग का भ्रमण किया और आपकी कई रचनाएँ पढ़ी - सभी एक से बढ़कर एक थी | सचमुच बहुत अच्छा लिख रही हैं आप | सस्नेह --
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद आदरणीया।
Deleteब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 15/11/2018 की बुलेटिन, " इंक्रेडिबल इंडिया के इंक्रेडिबल इंडियंस - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteमेरी रचना को ब्लॉग बुलेटिन में स्थान देने के लिए साभार धन्यवाद आदरणीय शिवम जी।
Deleteभावपूर्ण एवं मन और संवेदनाओं को छूती सुंदर रचना.
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद आदरणीय राकेश जी।
Deleteबहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति शिखा दी।
ReplyDeleteसस्नेह धन्यवाद प्रिय ज्योति।
ReplyDeleteBeautiful! Touched something inside.
ReplyDeleteThanks sir.
Deleteबहुत खूब
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति
साभार धन्यवाद आदरणीय लोकेश जी।
DeleteNice.........
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Thanks
Deleteबहुत खूब जाने क्या क्या कह डाला इन चंद पंक्तियों में.... बेहतरीन प्रस्तुति !
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद संजय जी।
Deleteकोमल भावनाओं से सजी बेहतरीन रचना ।
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद मीना जी
ReplyDeleteVery nice.
ReplyDeleteThanks sir.
Deleteबहुत खूब लिखा है।
ReplyDeletethanks yash
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