प्रिय सखी दीपशिखा आप की रचनाएँ बहुत ही सुन्दर होती है बहुत ही सादगी से आप हर बात कह जाते है बहुत सुन्दर 👌सादर
सस्नेह धन्यवाद सखी।
बेहतरीन रचना सखी आपके लिखने का अंदाज बेहद खूबसूरत है
Very nice one.
Thanks jyotirmoy.
Duality presented in a weighty yet silken words... stole my heart. Absolutely wonderful!
Thanks dear Anagha.
अनुरागी चित का सजीव चित्रण। बधाई और आभार आपकी कोमल शब्दावली का।
सादर आभार सर।
सादर आभार आदरणीय शिवम जी।
बहुत भावपूर्ण चित्रण भावनाओं का
Thanks neeraj.
प्रेम में सराबोर बहुत प्यारी रचना ,सादर स्नेह दीपा जी
सादर आभार।
प्रिय दीपा जी -- बहुत सुंदर और मनमोहक है आपकी रचना |कोमल शब्दावली और मधुरता से भरे भाव मन की विभिन्न अस्थिर दशाओं को सहजता से कलमबद्ध किया है आपने | लेखन शैली छायावादी कवियों की याद दिलाती है | सस्नेह शुभकामनायें सुंदर लेखन के लिए |
सस्नेह धन्यवाद रेनू जी।
बहुत सुंदर...दीपा जी.. सरस,भावपूर्ण ,सुकोमल शब्दावली से परिपूर्ण शआनदार सृजन।
साभार धन्यवाद आदरणीया श्वेता जी।
बहुत ही शानदार अंदाज में लाजवाब प्रस्तुति...
सादर आभार आदरणीया।
साभार धन्यवाद आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री जी।
बहुत खूब लिखा श्वेता जी, अलि री सघन पथ ये प्रेम का....से कितने एंगिल से प्रेम के पथ का दृश्य अद्भुत बन पडा है
लिखने का अंदाज शानदार है यादों से उमड़े शब्द और भाव ...बहुत कुछ याद दिला गए ... अच्छी प्रस्तुति
सस्नेह धन्यवाद संजय जी ।
छोटी चुटीली अपनी बात प्रखरता से रखती हुयी क्षणिकाएं हैं ...मन भावन हैं बहुत ...
साभार धन्यवाद आदरणीय दिगम्बर जी।
बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना, दीपशिखा दी।
सस्नेह धन्यवाद प्रिय ज्योति।
बहुत खूब
सादर आभार आदरणीय ।
प्रिय सखी दीपशिखा आप की रचनाएँ बहुत ही सुन्दर होती है बहुत
ReplyDeleteही सादगी से आप हर बात कह जाते है बहुत सुन्दर 👌
सादर
सस्नेह धन्यवाद सखी।
Deleteबेहतरीन रचना सखी आपके लिखने का अंदाज बेहद खूबसूरत है
ReplyDeleteVery nice one.
ReplyDeleteThanks jyotirmoy.
DeleteDuality presented in a weighty yet silken words... stole my heart. Absolutely wonderful!
ReplyDeleteThanks dear Anagha.
Deleteअनुरागी चित का सजीव चित्रण। बधाई और आभार आपकी कोमल शब्दावली का।
ReplyDeleteसादर आभार सर।
Deleteसादर आभार आदरणीय शिवम जी।
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण चित्रण भावनाओं का
ReplyDeleteThanks neeraj.
Deleteप्रेम में सराबोर बहुत प्यारी रचना ,सादर स्नेह दीपा जी
ReplyDeleteसादर आभार।
Deleteप्रिय दीपा जी -- बहुत सुंदर और मनमोहक है आपकी रचना |कोमल शब्दावली और मधुरता से भरे भाव मन की विभिन्न अस्थिर दशाओं को सहजता से कलमबद्ध किया है आपने | लेखन शैली छायावादी कवियों की याद दिलाती है | सस्नेह शुभकामनायें सुंदर लेखन के लिए |
ReplyDeleteसस्नेह धन्यवाद रेनू जी।
Deleteबहुत सुंदर...दीपा जी.. सरस,भावपूर्ण ,सुकोमल शब्दावली से परिपूर्ण शआनदार सृजन।
ReplyDeleteसाभार धन्यवाद आदरणीया श्वेता जी।
Deleteबहुत ही शानदार अंदाज में लाजवाब प्रस्तुति...
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीया।
Deleteसाभार धन्यवाद आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री जी।
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा श्वेता जी, अलि री सघन पथ ये प्रेम का....से कितने एंगिल से प्रेम के पथ का दृश्य अद्भुत बन पडा है
ReplyDeleteलिखने का अंदाज शानदार है यादों से उमड़े शब्द और भाव ...बहुत कुछ याद दिला गए ... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteसस्नेह धन्यवाद संजय जी ।
Deleteछोटी चुटीली अपनी बात प्रखरता से रखती हुयी क्षणिकाएं हैं ...
ReplyDeleteमन भावन हैं बहुत ...
साभार धन्यवाद आदरणीय दिगम्बर जी।
Deleteबहुत सुंदर भावपूर्ण रचना, दीपशिखा दी।
ReplyDeleteसस्नेह धन्यवाद प्रिय ज्योति।
Deleteबहुत खूब
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय ।
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