Saturday, January 12, 2019

अलि  री सघन पथ ये प्रेम का 

                         अलि  री सघन पथ ये प्रेम का....


अलि  री सघन पथ ये प्रेम का....
अलि  री सघन पथ ये प्रेम का....

अलि  री सघन पथ ये प्रेम का....

अलि  री सघन पथ ये प्रेम का.....


30 comments:

  1. प्रिय सखी दीपशिखा आप की रचनाएँ बहुत ही सुन्दर होती है बहुत
    ही सादगी से आप हर बात कह जाते है बहुत सुन्दर 👌
    सादर

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    1. सस्नेह धन्यवाद सखी।

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  2. बेहतरीन रचना सखी आपके लिखने का अंदाज बेहद खूबसूरत है

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  3. Duality presented in a weighty yet silken words... stole my heart. Absolutely wonderful!

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  4. अनुरागी चित का सजीव चित्रण। बधाई और आभार आपकी कोमल शब्दावली का।

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    1. सादर आभार सर।

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  5. सादर आभार आदरणीय शिवम जी।

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  6. बहुत भावपूर्ण चित्रण भावनाओं का

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  7. प्रेम में सराबोर बहुत प्यारी रचना ,सादर स्नेह दीपा जी

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  8. प्रिय दीपा जी -- बहुत सुंदर और मनमोहक है आपकी रचना |कोमल शब्दावली और मधुरता से भरे भाव मन की विभिन्न अस्थिर दशाओं को सहजता से कलमबद्ध किया है आपने | लेखन शैली छायावादी कवियों की याद दिलाती है | सस्नेह शुभकामनायें सुंदर लेखन के लिए |

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    1. सस्नेह धन्यवाद रेनू जी।

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  9. बहुत सुंदर...दीपा जी.. सरस,भावपूर्ण ,सुकोमल शब्दावली से परिपूर्ण शआनदार सृजन।

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    1. साभार धन्यवाद आदरणीया श्वेता जी।

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  10. बहुत ही शानदार अंदाज में लाजवाब प्रस्तुति...

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    1. सादर आभार आदरणीया।

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  11. साभार धन्यवाद आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री जी।

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  12. बहुत खूब लिखा श्‍वेता जी, अलि री सघन पथ ये प्रेम का....से कितने एंगिल से प्रेम के पथ का दृश्‍य अद्भुत बन पडा है

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  13. लिखने का अंदाज शानदार है यादों से उमड़े शब्द और भाव ...बहुत कुछ याद दिला गए ... अच्छी प्रस्तुति

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    1. सस्नेह धन्यवाद संजय जी ।

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  14. छोटी चुटीली अपनी बात प्रखरता से रखती हुयी क्षणिकाएं हैं ...
    मन भावन हैं बहुत ...

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    1. साभार धन्यवाद आदरणीय दिगम्बर जी।

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  15. बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना, दीपशिखा दी।

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    1. सस्नेह धन्यवाद प्रिय ज्योति।

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  16. बहुत खूब

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    1. सादर आभार आदरणीय ।

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ओ पाहुन.....