Sunday, March 01, 2020

मैं बेसुध ...






21 comments:

  1. सादर आभार रवीन्द्र जी ।

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  2. सादर आभार आदरणीय ।

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  3. सादर आभार आदरणीया ।

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  4. "कण कण मिटते प्राणों में मैं देख रही निर्वाण "
    वाह! क्या कहा है I

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  5. वाह!!!
    बहुत ही लाजवाब।

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    1. सादर आभार आदरणीया ।

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  6. वाह बेहतरीन रचना 👌👌

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    1. सादर आभार सखी

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  7. बेहतरीन लेखन शैली व अति उत्तम प्रस्तुति । इस नवीन शैली हेतु बधाई आदरणीय ।

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  8. सादर धन्यवाद पुरुषोत्तम जी

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  9. बहुत अच्छी क्षणिकाएं !

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    1. सादर आभार आदरणीया जी।

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  10. बेहतरीन क्षणिकाएं 💐🙏

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    1. सादर आभार आदरणीया।

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  11. बहुत सुन्दर

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    1. सादर आभार आदरणीय ।

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  12. बहुत सुंदर।

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  13. शानदार लेखन

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  14. बहुत सुंदर

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ओ पाहुन.....