Friday, January 25, 2019

वो लघु पल ना अब आएगा.....










26 comments:

  1. वाह......! बहुत खूब !
    हमेशा की तरह बेहतरीन प्रस्तुति
    बेहतरीन रचना.....आदरणीया।

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  2. बहुत ही मर्मान्तक रचना सखी | कितने वेदना पूर्ण संवाद हैं मन के है | पर निष्ठुर लोग इसे समझते कहाँ हैं ?किसी से दूर होने की कल्पना कितनी पीडादायी हो सकती है ये कोई क्या जाने ? स्नेहिल शुभकामनायें सखी इतने मनभावन सुकोमल लेखन के लिए |

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    1. सस्नेह धन्यवाद सखी ।

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  3. प्रिय सखी हमेंशा की तरह बहुत ही अच्छी रचना ,मार्मिक और मन को मोहने वाली
    सादर

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    1. सस्नेह धन्यवाद सखी ।

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  4. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (27-01-2019) को "गणतन्त्र दिवस एक पर्व" (चर्चा अंक-3229) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    गणतन्त्र दिवस की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. सादर आभार आदरणीय।

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  5. बहुत सुंदर ...
    दिल को छूती हुयी पंक्तियाँ ... सार्थक अभिव्यक्ति ...

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    1. सादर आभार आदरणीय दिगम्बर जी ।

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  6. बहुत ही हृदयस्पर्शी रचना...।
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

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  7. बहुत सुंदर दिल को छूती रचना,दीपशिखा दी।

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    1. सस्नेह धन्यवाद प्रिय ज्योति ।

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  8. मार्मिक किन्तु भावों की भांगुरता के दर्शन का यथार्थ!

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    1. सादर आभार आदरणीय ।

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  9. बेहतरीन रचना दीपशिखा जी

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    1. सस्नेह धन्यवाद सखी ।

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  10. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 27 जनवरी 2019 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. सादर आभार आदरणीया ।

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    1. सादर धन्यवाद आदरणीय पुरुषोत्तम जी।

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  12. सुन्दर रचना

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  13. उत्तम रचना !

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    1. सस्नेह धन्यवाद नीरज जी ।

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ओ पाहुन.....