Saturday, January 07, 2006

कौन ये ?

कौन ये ?


कौन बन प्रणय नाद
विरह वेदना को तोड़ता
है कौन जो श् वासों की डोर
तोड़कर फिर जोड़ता।

कौन बन अश्रु
तृषित लोचनों में डोलता
है कौन जो लधु प्रणों में
बन रूधिर दौड़ता ।

कौन बन संगीत
मधु मिलन गीत बोलता
है कौन जो पिघल श् वासों में
मन के भेद खोलता

कौन बन दीप
आलोक तिमिर में घोलता
है कौन जो निस्पंद उर को
फिर जीवन की ओर मोड़ता..............

2 comments:

ओ पाहुन.....