सोचते हैं कि ये हमने क्या किया
क्यूँ किसी बेवफा को दिल दिया
ताउम्र बिता दी
उसके इंतजार में
पल भर को भी
सपनों में
न जो मिला किया
लुटादी उसके प्यार में
हमने हर खुशी
जो हर गम से अपने
बेखबर बना रहा
हमने हर खुशी
जो हर गम से अपने
बेखबर बना रहा
किया इंतजार उस का
पल पल गिन कर
बड़ी बेरूखी से जिसने
सब कुछ भूला दिया
पल पल गिन कर
बड़ी बेरूखी से जिसने
सब कुछ भूला दिया
खुळी आँखों में सजाए
सपनें सजीले
इंतजार के नाम पर
फिर खुद से दगा किया
सपनें सजीले
इंतजार के नाम पर
फिर खुद से दगा किया
खुळी आँखों में सजाए
ReplyDeleteसपनें सजीले
इंतजार के नाम पर
फिर खुद से दगा किया
सपने अक्सर दगा दे ही जाते हैं
सुन्दर रचना
बहुत उम्दा!
ReplyDeleteसोचते हैं कि ये हमने क्या किया
ReplyDeleteक्यूँ किसी बेवफा को दिल दिया
सच लिखा है ........ किसी बेवफा को दिल दे कर दुःख, दर्द के सिवा कुछ नहीं मिलता ..... लाजवाब लिखा है .....
... लाजवाब लिखा है .....
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